Saturday, January 16, 2021

दिल की राह

 दिल जो हमारा हैं, 

बड़ी उलझनो का मारा हैं। 

कहाँ जाएँ हम, 

ना दिखता कोई किनारा हैं। 

समुंदर की इन लहरों से, 

लड रही हमारी कश्ती हैं।

कभी इस ओर, तो कभी उस ओर बहती हवा, 

हमें अपने साथ ले जाती हैं। 

जिंदगी खड़ी है जीवन के उस दौराहे पर, 

जहाँ एक गलत और एक सही हैं।

मन करता है, बना लु वो राह, 

जहाँ दिल अपनी हि धुन में चलता हैं।

खोज लु वो जहान,

जहाँ सिर्फ मोहब्बत का ख्याल होता हैं।

जहाँ, ना तुम सही, ना मैं गलत, 

सबको अपना बनाने का इकरार होता हैं।


                      - प्रेरणा राठी

क्या खोज रहा हूँ

दर्द-ए-दिल की दवा नहीं, जबाँ खोज रहा हूँ, सही गलत तू देख लेना, तालीम की राह खोज रहा हूँ|  शायर हू, शायरी नहीं आशिक़ी खोज रहा हूँ, बरसांते तो ...