Friday, May 7, 2021

क्या रख ?

 

ऊँची है उड़ान तेरी, आपने हौसलो को बुलंद रख | 

होगी एक दिन ये दुनियाँ कदमो में तेरे, खुद पर यकी रख | 

राहे होंगी नहीं आसान, पर अपने कदमो को मजबूत रख | 

मिलेगी जन्नते भी तुझे, उस खुदा पर एतबार रख | 

जमाना कहे चाहे कुछ भी तुझसे, बस अपनों पर भरोसा रख | 

जो दिल मासूम है तेरा, उस दिल में सिर्फ मोहब्बत रख | 

किसने कहा आसमान को अपनी सीमा बना, अपनी सोच को सीमाहीन रख | 

छूना है अगर उस चाँद को, तो पंख अपने फैला कर रख | 

पूरी कायनात भी होगी तेरी, दिल में अपने तव्वजो रख | 

याद रखेगा ये ज़माना भी तुझे, अपने नाम का परचम लहराने को तैयार रख | 


                                                  - प्रेरणा राठी 

क्या खोज रहा हूँ

दर्द-ए-दिल की दवा नहीं, जबाँ खोज रहा हूँ, सही गलत तू देख लेना, तालीम की राह खोज रहा हूँ|  शायर हू, शायरी नहीं आशिक़ी खोज रहा हूँ, बरसांते तो ...