ऊँची है उड़ान तेरी, आपने हौसलो को बुलंद रख |
होगी एक दिन ये दुनियाँ कदमो में तेरे, खुद पर यकी रख |
राहे होंगी नहीं आसान, पर अपने कदमो को मजबूत रख |
मिलेगी जन्नते भी तुझे, उस खुदा पर एतबार रख |
जमाना कहे चाहे कुछ भी तुझसे, बस अपनों पर भरोसा रख |
जो दिल मासूम है तेरा, उस दिल में सिर्फ मोहब्बत रख |
किसने कहा आसमान को अपनी सीमा बना, अपनी सोच को सीमाहीन रख |
छूना है अगर उस चाँद को, तो पंख अपने फैला कर रख |
पूरी कायनात भी होगी तेरी, दिल में अपने तव्वजो रख |
याद रखेगा ये ज़माना भी तुझे, अपने नाम का परचम लहराने को तैयार रख |
- प्रेरणा राठी