Sunday, January 22, 2023

अच्छा चलता हूँ !

 माना कि तेरे साथ चल नहीं पाऊँगा , 

माना कि तेरे साथ हँस नहीं पाऊँगा | 

तेरे आँसू, तेरे गम बाँट नहीं पाऊँगा ,

पर तेरा हि हिस्सा बनकर, तुझमे हि बस्ता जाऊँगा | 

जाना तो होगा मुझे इस जहान को छोड़ कर ,

खुदा के घर से आया है बुलावा शायद कुछ सोचकर | 

तेरे ख्वाबो, हमारे सपनो, अपने वादो को तोड़ कर ,

पर रहूँगा तेरे दिल में हमेशा एक हसींन वक्त बनकर | 

इन खूबसूरत आँखों का दरिया हम पर मत बहाना ,

ये बेशुमार मोहब्बत की दौलत हम पर ना लुटाना ,

थाम लेना किसी का हाथ तु ,

और उसमे हि अपना जहान बसा लेना | 

तेरे होंठो कि मुस्कुराहट देख, मैं खिल जाऊँगा ,

तेरी आँखों में खुशियों कि चमक देख, मैं तृप्त हो जाऊँगा | 

तू जिएगी, तो मैं भी जी जाऊँगा ,

मैं तुझ में हि हूँ, तुझमे हि बसता जाऊँगा | 

याद कभी आए मेरी तो चले आना हमारे मकबरे पर ,

मैं तो तेरे गले कि तावीज बन कर, तुझे सलामत करता जाऊँगा | 

तेरी साँसे मेरी रूह की धड़कनें है ,

जिस दिन तू ये जहान छोड़ कर जाएगी ,

                                                        मैं तुझे आसमान में हि मिल जाऊँगा | 


                                                                                               - प्रेरणा राठी 



क्या खोज रहा हूँ

दर्द-ए-दिल की दवा नहीं, जबाँ खोज रहा हूँ, सही गलत तू देख लेना, तालीम की राह खोज रहा हूँ|  शायर हू, शायरी नहीं आशिक़ी खोज रहा हूँ, बरसांते तो ...