Tuesday, December 8, 2020

उलझन

 तू आया, मगर आ कर भी ना आया,

 तू  गया, मगर जा कर भी ना गया| 

 अब दिल हमारा, बड़ी उलझन में है बेचारा,

 कि तू गया क्यों नहीं, जब तू आया ही नहीं था| 


                          - प्रेरणा राठी  

Friday, December 4, 2020

पहली मुलाकात

आज तुमसे हमारी पहली मुलाकात थी,

ना जाने उसमे क्या बात थी| 

ना कोई रिश्ता था तुमसे हमारा,

और ना ही कोई पहचान थी| 

फिर भी इस दिल ने कहा,

कि एक दफा तुमसे बात करू,

बस एक दफा तुमको जान लू | 

पर हमको क्या पता था,

कि ये दिल तुमसे इस कदर जुड़ जाएगा,

खुलेगा बातों का ख़जाना और,

आँखों से दरीया बहता जाएगा| 

जन्म -जन्म का तो पता नहीं,

मगर इस जन्म में हमारा साथ चलता जाएगा| 

भले हि ना रहना तुम साथ हमारे,

मगर तुम्हारा अक्स मेरे साथ चलता जाएगा| 


                        - प्रेरणा राठी  

क्या खोज रहा हूँ

दर्द-ए-दिल की दवा नहीं, जबाँ खोज रहा हूँ, सही गलत तू देख लेना, तालीम की राह खोज रहा हूँ|  शायर हू, शायरी नहीं आशिक़ी खोज रहा हूँ, बरसांते तो ...