Wednesday, September 30, 2020

खामोश दिल

इस खामोश दिल की बातें तुम समझ न पाए, 
और कहने कि हिम्मत हम जुटा न पाए। 
खामोश रहे हम तुम्हारा प्यार पाने को, 
फिर भी तरसते रहे तुम्हारा साथ पाने को। 
हवाओ कि तरह हमने रूख ही अपना बदल दिया, 
अपनी ओर बहना तो छोड़ ही दिया। 
हमने खामोश रह कर तुम्हारा सम्मान किया, 
लेकिन तुमने उसे हमारी कमजोरी समझ कर टाल दिया। 
जो भी किया तुम्हारे लिए किया, हर लम्हा तुम्हारे लिए जिया। 
लेकिन आज तुमने हमें खुदगरज कह कर हमारा बहिष्कार किया। 
हम तब भी खामोश थे, हम आज भी खामोश हैं, 
लेकिन इस खामोशी कि वजह आज कुछ और है। 
पहले तुम्हारा प्यार पाना चाहते थे, लेकिन आज हम थक चुके हैं, 
जिंदगी के इस सफ़र में हम तुमसे हार चुके हैं। 
लेकिन तुमसे कोई गिला नहीं है अब हमें, 
मोहब्बत सी हो गई है इस खामोशी से अब हमें। 

                                - प्रेरणा राठी

Thursday, September 10, 2020

जिंदगी की कहानी

लिखने तो बैठे थे अपनी जिंदगी कि कहानी, 
धीरे -धीरे याद आ गई कई बातें पुरानी। 
लिखते -लिखते जब आज पर आ गएँ तो, 
कुछ पन्ने पलटे और देखा, 
फिर कुछ पन्ने पलटे और देखा, 
फिर कुछ और पन्ने पलटे, तो एहसास हुआ, 
कि हमने अपने बारे में तो कुछ लिखा ही नहीं। 

                             - प्रेरणा राठी

Thursday, September 3, 2020

ममता

छोटी -छोटी आँखो में प्यार बेशुमार दिखता है, 
नन्हें - नन्हें हाथों से जब तु छूएँ, तो मेरा रोम - रोम जाग उठता है। 
तुम्हारी एक मुस्कुराहट से दिन की सारी थकान उतर जाती हैं, 
छोटे - छोटे कदम जब बढ़ते हैं मेरी ओर, तो एक नई सुबह हो जाती हैं। 
आवाज़ देकर जब बुलाते हो मुझे, तो दिल धडकने लगता हैं, 
आसुँ जब गिरे तेरी आँखों से, तो दिल मेरा रोने लगता हैं। 
मेरी एक पुकार पर तुम दौड़े चले आते हो, 
बात जो न करू तुमसे, तो गुस्से से लाल हो जाते हो। 
निवाला जो तुझे खिलाऊ तो पेट मेरा भर जाता है, 
न जाने कब तेरे साथ ये पूरा दिन गुजर जाता है। 
सोता है जब तु मेरे सीने से लग कर, तो मुझे जन्नत मिल जाती हैं, 
खोले जब सुबह आँखें तु, तो मेरी दुनिया खिल जाती हैं। 
महकता है जीवन मेरा खुशबू से तेरी, 
रब करे ये मासूमियत बनी रहे ताउम्र तेरी। 

                            - प्रेरणा राठी

क्या खोज रहा हूँ

दर्द-ए-दिल की दवा नहीं, जबाँ खोज रहा हूँ, सही गलत तू देख लेना, तालीम की राह खोज रहा हूँ|  शायर हू, शायरी नहीं आशिक़ी खोज रहा हूँ, बरसांते तो ...