Monday, February 15, 2021

काँटा

 सुनहरे रंग में जब डूबी हो जिंदगी,

  तो हर शख्स अपना सा लगता है | 

  छा जाए जब काले बादल उस पर,

  तो हर अपना पराया सा लगता है | 

  शायद भूल जाते है लोग अक्सर,

  गुलाब के फूल पर काँटा भी लगता है | 


                       - प्रेरणा राठी 

Sunday, February 7, 2021

सियाही

इश्क़े दी सियाही होवे,
ते लिखन वाले हथ मेरे होवे| 
पन्ना तेरी तकदीर दा होवे,
ते औदे  लिखा नसीब मेरा होवे| 

                 - प्रेरणा राठी 

फ़ितूर

हाँथ पर जो लिखाया, वो नाम तेरा था,
हम पर जो चढ़ा, वो सरूर तेरा था| 
ज़माने से कर बैठे दगा हम,
हम पर तो छाया फ़ितूर तेरा था| 

                    - प्रेरणा राठी 

क्या खोज रहा हूँ

दर्द-ए-दिल की दवा नहीं, जबाँ खोज रहा हूँ, सही गलत तू देख लेना, तालीम की राह खोज रहा हूँ|  शायर हू, शायरी नहीं आशिक़ी खोज रहा हूँ, बरसांते तो ...