Sunday, February 7, 2021

फ़ितूर

हाँथ पर जो लिखाया, वो नाम तेरा था,
हम पर जो चढ़ा, वो सरूर तेरा था| 
ज़माने से कर बैठे दगा हम,
हम पर तो छाया फ़ितूर तेरा था| 

                    - प्रेरणा राठी 

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उसके बटुए में, और मेरी किताबों में, आज भी तस्वीर किसी और की मिलती हैं, कहने को तो हम जीवन साथी है, पर इश्क़ में तक़दीरें सबकी कहाँ बनती हैं | ...