लिखने तो बैठे थे अपनी जिंदगी कि कहानी,
धीरे -धीरे याद आ गई कई बातें पुरानी।
लिखते -लिखते जब आज पर आ गएँ तो,
कुछ पन्ने पलटे और देखा,
फिर कुछ पन्ने पलटे और देखा,
फिर कुछ और पन्ने पलटे, तो एहसास हुआ,
कि हमने अपने बारे में तो कुछ लिखा ही नहीं।
- प्रेरणा राठी
Well written...very nice
ReplyDeleteSo true
ReplyDeleteBeautiful lines 💜 keep
ReplyDeleteGoing girl
Nice ❤
ReplyDeleteSo true n well composed
ReplyDeleteSo true n well composed
ReplyDeleteWonderful Thought... With Meaningful Poetry.. 👌👌👌
ReplyDelete