Thursday, September 10, 2020

जिंदगी की कहानी

लिखने तो बैठे थे अपनी जिंदगी कि कहानी, 
धीरे -धीरे याद आ गई कई बातें पुरानी। 
लिखते -लिखते जब आज पर आ गएँ तो, 
कुछ पन्ने पलटे और देखा, 
फिर कुछ पन्ने पलटे और देखा, 
फिर कुछ और पन्ने पलटे, तो एहसास हुआ, 
कि हमने अपने बारे में तो कुछ लिखा ही नहीं। 

                             - प्रेरणा राठी

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उसके बटुए में, और मेरी किताबों में, आज भी तस्वीर किसी और की मिलती हैं, कहने को तो हम जीवन साथी है, पर इश्क़ में तक़दीरें सबकी कहाँ बनती हैं | ...