Tuesday, December 8, 2020

उलझन

 तू आया, मगर आ कर भी ना आया,

 तू  गया, मगर जा कर भी ना गया| 

 अब दिल हमारा, बड़ी उलझन में है बेचारा,

 कि तू गया क्यों नहीं, जब तू आया ही नहीं था| 


                          - प्रेरणा राठी  

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उसके बटुए में, और मेरी किताबों में, आज भी तस्वीर किसी और की मिलती हैं, कहने को तो हम जीवन साथी है, पर इश्क़ में तक़दीरें सबकी कहाँ बनती हैं | ...