दिल जो हमारा हैं,
बड़ी उलझनो का मारा हैं।
कहाँ जाएँ हम,
ना दिखता कोई किनारा हैं।
समुंदर की इन लहरों से,
लड रही हमारी कश्ती हैं।
कभी इस ओर, तो कभी उस ओर बहती हवा,
हमें अपने साथ ले जाती हैं।
जिंदगी खड़ी है जीवन के उस दौराहे पर,
जहाँ एक गलत और एक सही हैं।
मन करता है, बना लु वो राह,
जहाँ दिल अपनी हि धुन में चलता हैं।
खोज लु वो जहान,
जहाँ सिर्फ मोहब्बत का ख्याल होता हैं।
जहाँ, ना तुम सही, ना मैं गलत,
सबको अपना बनाने का इकरार होता हैं।
- प्रेरणा राठी