इस दिल में टूट कर बिखर जाने की खवाईश हैं,
साथ मिले इसे किसी का, ये भी नुमाइश हैं
पर डर सा लगता हैं इसे फना हो जाने में,
कहीं रेत बनकर बह न जाए हवाओ कि लहरों में।
खो गया तो कहाँ से हम इसे ढूंढ कर लाएगे,
वक्त के दरिया में जिंदगी की कश्ती कैसे पार लगाएगें।
अपनो ने तो इसे पराया ही कर दिया,
दरद जुदाई का ईनाम में दिया।
अब तो इसे किसी पर भी एतबार न रहा,
अपने जख़्म लेकर बे-चारा हैं चला जा रहा।
न जाने ये राहे इसे कहाँ लेकर जाएंगी,
न जाने ये साँसे इसे कब छोड़ कर जाएंगी।
ऐ खुदा, अब तो तू ही कर इस पर रहम,
टूट कर बिखरे जो कभी, तो बन जाए एक नया महल।
- प्रेरणा राठी
Relatable and too amazing 💯😘
ReplyDeleteLovely 👍
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ReplyDeleteHeart warming
ReplyDeleteVery very lovely
ReplyDeleteGreat Dear keep it up
ReplyDeleteबहुत खूब 👌👌👍
ReplyDeleteToo good Prerna 😘 This really touched my heart ❤️
ReplyDeleteVery nice...
ReplyDeletePerfect lines😍😍😍😍
ReplyDeleteIt just touched my heart ....keep the good work going grl
ReplyDeleteProud of you
👌🏻👌🏻
ReplyDelete👌🏻👌🏻
ReplyDeleteCommendable 👏
ReplyDeleteBeautiful and heart touching lines🌸 going great👍🏻
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