हम ढूँढ़ते तो है तुम्हें इस ज़माने में,
पता नहीं मिलोगे भी या नहीं ?
कोई ख्वाब हो या हो हकीकत तुम,
पता नहीं कभी जान पाएँगे या नहीं ?
तुम्हारे ख्याल साथ तो रहते है हमारे,
पता नहीं तुम्हारा हाथ कभी थाम पाएँगे या नहीं ?
हम तो दिल अपना यु ही दे बैठे तुम्हे,
पता नहीं तुम्हे खबर भी है या नहीं ?
छूकर निकल जाते हो बदन को किसी हवा के झोके की तरह,
पता नहीं कभी हमारे बाल सवारोगे या नहीं ?
रहते हो मेरी साँसों में तुम एक एहसास की तरह,
पता नहीं तुम्हें मेरी याद आती भी है या नहीं ?
बाँहो में तुम्हारी हमारे आँसू भी हमे धोखा दे जाते है,
पता नहीं तुम्हारी आँखों से सागर छलकता है या नहीं ?
तुमसे मिलने का ख्याल ही हमारे दिल में हज़ारों रंग भर देता है,
पता नहीं तुम हमसे मिलना चाहोगे या नहीं ?
तुम तो मेरा एक ख्वाब हो, ख्याल हो, एक एहसास हो,
पता नहीं उस खुदा ने तुम्हें बनाया भी है या नहीं ?
- प्रेरणा राठी
Very nice, every word are relatable and your poetry is just amazing ❤️
ReplyDeleteYou have written very well and you have written each line with feeling and your emotions.😊
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत.
ReplyDelete♥️lovely
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