Wednesday, May 29, 2024

या नहीं

हम ढूँढ़ते तो है तुम्हें इस ज़माने में,

पता नहीं मिलोगे भी या नहीं ?

कोई ख्वाब हो या हो हकीकत तुम,

पता नहीं कभी जान पाएँगे या नहीं ?

तुम्हारे ख्याल साथ तो रहते है हमारे,

पता नहीं तुम्हारा हाथ कभी थाम पाएँगे या नहीं ?

हम तो दिल अपना यु ही दे बैठे तुम्हे,

पता नहीं तुम्हे खबर भी है या नहीं ?

छूकर निकल जाते हो बदन को किसी हवा के झोके की तरह,

पता नहीं कभी हमारे बाल सवारोगे या नहीं ?

रहते हो मेरी साँसों में तुम एक एहसास की तरह,

पता नहीं तुम्हें मेरी याद आती भी है या नहीं ?

बाँहो में तुम्हारी हमारे आँसू भी हमे धोखा दे जाते है,

पता नहीं तुम्हारी आँखों से सागर छलकता है या नहीं ?

तुमसे मिलने का ख्याल ही हमारे दिल में हज़ारों रंग भर देता है,

पता नहीं तुम हमसे मिलना चाहोगे या नहीं ?

तुम तो मेरा एक ख्वाब हो, ख्याल हो, एक एहसास हो,

पता नहीं उस खुदा ने तुम्हें बनाया भी है या नहीं ?


                                 - प्रेरणा राठी 





4 comments:

  1. Very nice, every word are relatable and your poetry is just amazing ❤️

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  2. You have written very well and you have written each line with feeling and your emotions.😊

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  3. बहुत खूबसूरत.

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उसके बटुए में, और मेरी किताबों में, आज भी तस्वीर किसी और की मिलती हैं, कहने को तो हम जीवन साथी है, पर इश्क़ में तक़दीरें सबकी कहाँ बनती हैं | ...