Friday, June 18, 2021

कैसे हो तुम

 बात करने का मन तो करता है तुमसे,

लेकिन हिम्मत नहीं होती | 

तुम पूछोगे कि, "कैसे हो तुम"?

हर दर्द की सुबह नहीं होती | 

तुम्हारे इस सवाल से,

हमारे अंदर तूफ़ान आ जाता है,

क्या कहे, क्या ना कहे,

दिल कुछ समझ नहीं पाता है | 

तुम्हे अपना हाल समझाए कैसे,

एक बार ये ख्याल आता है | 

"हम ठीक है", कह कर 

हमारे होंठो से मुस्कुराहट का,

साया भी चला जाता है | 

ये सवाल हम तुमसे, 

पूछने से भी डरते है,

ना जाने क्या - क्या कहोगे तुम,

इस ख्याल से ही सहम जाते है | 

पर फिर तुम्हारे चेहरे से भी,

खुशी का नाम चला जाता है,

"हम ठीक है", कह कर,

तुम्हारा धयान कही और चला जाता है | 

इस सवाल को छोड़कर,

फिर हम आगे बढ़ जाते है,

तूफ़ान को रहने के लिए,

घर हम ही दे जाते है | 


                          - प्रेरणा राठी  

7 comments:

  1. कविता अच्छी है.

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  2. Thank you soo much.....

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  3. Very emotional & heart touching. Loved it!! ❤️❤️

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