Wednesday, April 26, 2023

ये दिल

 हज़ारो ख्याल बुनता है ये दिल,

लहरों के तूफ़ान में बह भी जाता है ये दिल | 

काश तुम समझ पाते इसकी बेचैनी, इसकी तड़प को,

तुमसे ना जाने कितने सवाल करना चाहता है ये दिल | 


ख्वाहिशे तो बहोत करता है ये दिल,

चाहते भी इसकी है कामिल,

पर ज़माने से हार जाता है ये दिल,

हार का जशन भी अकेले हि मनाता है ये दिल | 


मैखाने कि शराब सा है ये दिल,

बटता सब में है, धडकता किसी-किसी में है ये दिल | 

मोहबत के सरूर में पागल हो जाता है ये दिल, 

नशा जो उतरे तो सूखा दरिया हो जाता है ये दिल | 


समंदर के पानी से भी खारा,

गुड से भी मीठा,

जहर से भी नशीला,

नशा इश्क़ का,

सब सह लेता है ये दिल,

पर मेहबूब की बेवफाई से बिखर जाता है ये दिल | 


ज़माने भर के ताने भी सुनता है ये दिल,

खुद को समझाने कि लाख कोशिशे भी करता है ये दिल,

मगर समझ ना पाया ज़माना इस दिल को,

ये समझ कर भी बहोत रोता है ये दिल | 


चाँद सितारों कि बातें तो करता है ये दिल,

आसमानों कि ऊँचाइयों में भी रहता है ये दिल,

पर हकीकत से भी वाक़िफ है ये दिल,

वो क्या है ना,

अब इतना मासूम नहीं रहा ये दिल | 


                                           - प्रेरणा राठी 

6 comments:

क्या खोज रहा हूँ

दर्द-ए-दिल की दवा नहीं, जबाँ खोज रहा हूँ, सही गलत तू देख लेना, तालीम की राह खोज रहा हूँ|  शायर हू, शायरी नहीं आशिक़ी खोज रहा हूँ, बरसांते तो ...