लोगों की इस दुनिया में, महफ़िलें तो हर रोज जमती हैं,
अकेले रह जाते हैं हम, दुनिया देख कर हंसती है।
कल तक जो हमारे साथ थे, आज वो किसी और की महफ़िल का सितारा है,
अब हमारा साथ, कहाँ किसी को गवारा है।
इंसान के रंगों के आगे, प्रकृति के रंग भी फिके पड जाते हैं,
यहाँ मौसम से पहले इंसान बदल जाते हैं।
आज यहाँ, तो कल वहाँ, जमेगी लोगों की महफ़िल,
पर साथ निभाएँ जो जिंदगी भर, कहाँ हैं ऐसा साहिल।
हम तो इन महफ़िलों से अब दूर ही रहते हैं,
क्योंकि इन महफ़िलों में अक्सर, बस दिल ही टूटते हैं।
कभी किसी टूटे हुएँ दिल के साथ महफ़िल जमा कर देखो जनाब,
दुनिया का कोई भी रंग, न आएँगा फिर तुमको रास।
- प्रेरणा राठी
True...beautifully written;-)
ReplyDeleteSo good ✌️
ReplyDeleteWell pened❤
ReplyDelete👌👌
ReplyDeleteWow ,,,so beautifully written
ReplyDeletebeautifully written ❤️ Keep it up my girl 👏🏻🤘
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