Thursday, October 8, 2020

बेटियाँ

तुमने बचपन छीन लिया मेरा, 
बन गई खिलौना मैं तेरा। 
पडा मुझ पे तेरा साया जब से, 
भूल गई मैं मुस्कुराना तब से। 
मेरे सपनो का महल तोड़ दिया तुमने, 
मेरी रूह तक को झनझोड दिया तुमने। 
मेरी पायल को तुमने बेडियो में बदल दिया, 
मेरी महंदी को तुमने लाल रंग से रंग दिया।
 मेरे आसू देख मेरे माँ-बाप भी रोते है, 
और शायद इसीलिए,
लोग बेटी को पैदा करने से पहले हजार बार सोचते हैं। 
ऐ इंसान, खुदा भी जब तुझे देखता होगा, 
बन गया तु हैवान कैसे, वो भी सोचता होगा। 
लेकिन एक वक्त ऐसा भी आएँगा, 
जब तु अपनी ही परछाई से मुँह छिपाएँगा।
जब आएँगी वो तेरे घर,
तब शायद तुझे समझ आएँगा। 
जब पुकारेगी वो तुझे बाबा कहकर, 
तब तु अपनी गलती पर पछता भी न पाएँगा। 
लेकिन अब तो ये भी पता नहीं, 
बाबा शब्द का अर्थ, क्या तु समझ भी पाएँगा। 
तु इंसान हैं, न जाने कब हैवान बन जाएँगा, 
और उसकी रूह तक को भरे बाजार में नीलाम कर आएँगा। 


                           - प्रेरणा राठी



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