किसी के आने से पहले, उसके जाने का डर रहता है,
इसलिए हम किसी को अपने करीब आने ही नहीं देते।
किसी के प्यार करने से पहले, उसके बेवफ़ाई करने का गम सताता हैं,
इसलिए हम किसी से मोहब्बत ही नहीं करते।
उस खुदा से दुआ माँगने से पहले, उसके ना-क़बूल होने का दुःख होता है,
इसलिए हम उस खुदा से फ़रियाद ही नहीं करते।
उसके घर की चौखट पार करने से पहले, खाली हाथ लौटने का खालीपन होता है,
इसलिए हम उसकी दहलीज़ कभी नहीं लाघंते।
इस दुनिया से रिश्ता जोड़ने से पहले, उसके बिखर जाने का एहसास होता है,
इसलिए हम किसी को अपने दिल में पनाह ही नहीं देते।
किसी के तारीफ़ करने से पहले, उसके मन में बसी नफ़रत का अंदाजा हो जाता है,
इसलिए हम किसी कि तारीफो के मोहताज ही नहीं रहते।
किसी के बात करने से पहले, उसकी मजबूरी का पता चल जाता है,
इसलिए हम उनसे फिजूल की बातें कर, उनका वक़्त जाया नहीं करते।
किसी कि यादों में डूबने से पहले, किनारा न मिलने का डर होता है,
इसलिए हम किसी को अपनी यादों में ही नहीं बसाते।
किसी के सपने सजाने से पहले, उनके टूटने का खौफ होता है,
इसलिए हम किसी के सपने ही नहीं बुनते।
किसी के साथ चलने से पहले, उसके बीच मझधार में छोड़ जाने का शक होता है,
इसलिए हम किसी के साथ सफर पर ही नहीं निकलते।
पर ये दिल तो दिल है जनाब,
ये कहाँ किसी कि सुनता हैं।
खा कर धोखे जमाने के,
फिर कुछ नए उसूल बना लेता है।
- प्रेरणा राठी
Nice:)
ReplyDeleteWell said !!
ReplyDeleteTotes🙌🏼
ReplyDeleteTotes🙌🏼
ReplyDeleteNice, well written 👌
ReplyDeleteBeautifully penned down
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